यूपीएल के प्रोन्यूटिवा प्रोग्राम ने मूंगफली की फसलों की पैदावार और उनमें मौजूद तेल की मात्रा बढ़ाने के साथ 250,000 एकड़ के 50,000 किसानों की समृद्धि बढ़ाई
~ मूंगफली के किसानों के लिए टिकाऊ कृषि को प्रोत्साहन दिया
~डेयरी इंडस्ट्री के लिए चारे की ऊपज और प्रोटीन की मात्रा में वृद्धि हुई
अहमदाबाद/राजकोट,20 अक्टूबर, 2021 –
पहला पायलट प्रोग्राम 8,500 किसानों के साथ लागू किया गया था, जिसे वर्ष 2020 में गुजरात के प्रमुख मूंगफली क्षेत्रों में किया गया था, जिससे उनकी पैदावार एवं आय में दोगुनी वृद्धि हुई। अब इसे 50 हजार से अधिक किसानों को जोड़ते हुए 2.5 लाख एकड़ से अधिक कृषि-भूमि पर किया गया है। मूंगफली की पैदावार में कुल मिलाकर 50-60% की वृद्धि हुई है और उससे निकाले जाने वाले तेल की मात्रा में 1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके अलावा, इसने 35% की चारा उपज में वृद्धि की, जिससे किसानों की डेयरी आय में सुधार करने में मदद मिली।
प्रोन्यूटिवा सदा समृद्धि परियोजना के अंतर्गत, मूंगफली किसानों को एकीकृत कृषि सेवाएं जैसे आईपीएम किट, मृदा परीक्षण, मौसम सेवाएं, फसल परामर्श और उच्च तकनीक सक्षम किसान मशीनीकरण सेवाएं उपलब्ध कराई गयीं ताकि मूंगफली की पैदावार और आय में वृद्धि हो सके। उन्होंने यूपीएल के अभूतपूर्व उत्पाद "ज़ेडईबीए" का भी इस्तेमाल किया, जो पानी और पोषक तत्वों को अवशोषित करता है और जब पौधे को इसकी आवश्यकता होती है तो इसे छोड़ देता है। परियोजना ने न केवल मूंगफली किसानों के उत्थान के लिए प्रौद्योगिकी सेवाओं के साथ उपयुक्त इनपुट और सलाह के महत्व को प्रदर्शित किया है, बल्कि देश भर में अत्यधिक लाभकारी मूंगफली की खेती को प्रोत्साहित करने की क्षमता भी प्रदर्शित की है जो बदले में भोजन के साथ-साथ पोषण सुरक्षा में योगदान कर सकती है ताकि देश के खाद्य तेल मिशन में भी मदद मिले।
कार्यक्रम का सर्वेक्षण वी गवर्नेंस नॉलेज सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, जूनागढ़ कृषि विश्वविद्यालय के साथ-साथ ग्रांट थॉर्नटन द्वारा किया गया है जिनमें से सभी स्वतंत्र तृतीय पक्ष हैं।
वी गवर्नेंस नॉलेज सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के परिणामों से पता चला कि कार्यक्रम के तहत "जेडईबीए" और अन्य सभी सेवाओं के उपयोग से, स्वस्थ पौधों की संख्या में 20% की वृद्धि हुई, पेग संरचनाओं की संख्या में 25% की वृद्धि हुई, पॉड की संख्या में 35% की वृद्धि हुई और इन सभी सुधारों से पॉड का वजन 51% तक बढ़ गया। जूनागढ़ कृषि विश्वविद्यालय के अध्ययन ने तेल में 1.45% की वृद्धि, नट्स के वास्तविक प्रोटीन में 1.68% की वृद्धि और कुल कार्बोहाइड्रेट में 0.72% की वृद्धि का संकेत दिया। ग्रांट थॉर्नटन द्वारा अभी भी एक अध्ययन की प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही इसकी रिपोर्ट उपलब्ध होगी।
प्रोग्राम की सफलता के बारे में टिप्पणी करते हुए, यूपीएल लिमिटेड के प्रमुख, भारत फिल्ड मार्केटिंग, सवेश कुमार ने बताया, ''गुजरात भारत का एक प्रमुख मूंगफली उत्पादक राज्य है, और इसकी क्षमता देश के किसी भी राज्य की तुलना में सबसे अधिक है। क्षेत्र के किसानों को सफेद-ग्रब संक्रमण, जल प्रबंधन, मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हमारे कार्यक्रम ने बेहद आशाजनक परिणाम दिखाए हैं और हम उम्मीद करते हैं कि पैदावार में वृद्धि जारी रहेगी और इस तरह हमारे देश के किसानों की आजीविका में सुधार होगा।''
यूपीएल लिमिटेड के भारत के क्षेत्रीय प्रमुख, आशीष डोभाल बताते हैं, ''यूपीएल प्रत्येक फसल को समग्रतापूर्वक एवं टिकाऊ तरीके से बेहतर करने का प्रयास करता है और प्रोन्यूटिवा सदा समृद्ध प्रोग्राम का भी यही उद्देश्य है। हमें प्रोग्राम के अद्भुत परिणामों को देखकर प्रसन्नता हो रही है जिसने न केवल फसल के पैदावार में वृद्धि की है बल्कि किसानों की आय बढ़ाने में भी मदद की है।''
अमरेली के इश्वरिया गांव के मूंगफली किसान, दिनेश भाई रूपाला ने कहा, ''हम मूंगफली की खेती को छोड़ने की योजना बना रहे थे क्योंकि उपज और आय बहुत कम थी लेकिन सदा समृद्ध परियोजना के तहत यूपीएल टीम के हस्तक्षेप और समर्थन के कारण हमें न केवल अधिक पैदावार मिल रही है, बल्कि गुणवत्ता बेहतर होने के कारण हमारी फसल की अधिक कीमत भी मिल रही है। चारे की गुणवत्ता और मात्रा में भी वृद्धि हुई है जिससे हमें डेयरी व्यवसाय से अधिक लाभ प्राप्त करने में मदद मिली है।''
रिकाडिया, अमरेली के मूंगफली किसान, रोहित भाई मोवालिया जिनके खेत पर लाइव इवेंट आयोजित किया गया था, उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा, ''प्रोन्यूटिवा सदा समृद्ध कार्यक्रम ने वास्तव में मुझे अपनी फसल की पैदावार बढ़ाने में मदद की। अधिक फसल देने के अलावा मूंगफली की गुणवत्ता भी काफी बेहतर थी। नट्स की तेल उत्पादन क्षमता में भी सुधार हुआ। मैं इस कार्यक्रम की सिफारिश उन सभी किसानों को करूंगा जो अपनी फसलों में भी सुधार करना चाहते हैं।''
अमरेली, दाहिदा के हंसराज भाई हप्पानी ने बताया, ''भारत 70 प्रतिशत से अधिक खाद्य तेल आयात कर रहा है, यदि यह परियोजना पूरे भारत में लागू की जाती है, तो हम जल्द ही तेल में आत्मानिर्भर बन सकेंगे जो हमारी विदेशी आय को बचाएगा और साथ ही भारत को एक स्वस्थ राष्ट्र बना देगा। मैंने अपने मूंगफली के खेत में प्रोन्यूटिवा के प्रभावों के परिणाम देखे हैं, जहाँ मैंने उपज में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि और 1.5 प्रतिशत अधिक तेल सामग्री देखी है।''
Comments
Post a Comment